पैरों में जलन के लिए घरेलू नुस्खे जानने से पहले आपको ये सभी चीज़े पता होनी चाहिए। क्या आपको अक्सर पैरों में जलन, झनझनाहट या गर्माहट का अहसास होता है? अगर हां, तो आप अकेले नहीं हैं। यह समस्या खासकर बुजुर्गों और डायबिटिक मरीज़ों में आम है। इसे “Burning Feet Syndrome” भी कहा जाता है।
इस लेख में हम जानेंगे:
- पैरों में जलन के क्या क्या कारण हो सकते है।
- घरेलू देसी नुस्खे जो पैरों में जलन से राहत दे सकते हैं।
- और सबसे महत्पुराण, कब डॉक्टर से संपर्क करें?
Table of Contents
क्या होते है पैरों में जलन के आम कारण
विटामिन B की कमी: खासतौर पर B1 (थायमिन), B6 और B12 की कमी से नसों में जलन हो सकती है। ये हमारे खान -पान मे विटामिन B न खाने की वझा से जादा होती है। ज़्यदतर शाकाहारी यानि (Vegetarian) लोगो मे b12 की कमी पाई जाती है। शाकाहारी लोग supplement का सहारा ले सकते है।

डायबिटीज (Diabetes): ब्लड शुगर नियंत्रण में न हो तो नसों को नुकसान पहुंचता है, जिससे पैर मे जलन होती है। Diabetes से ग्रसित लोगो मे देखा गया है की अगर वे अपनी ब्लड शुगर नियंत्रण मे न रखे तो हाथ व पैर की नसो मे Tingling sensation यानि झनझनाहट हो जाती है। इसकी वझा से नसे damage हो जाती है।

थायरॉइड या किडनी (kidney)की बीमारी: इनसे मेटाबॉलिज़्म (metabolism) बिगड़ता है और उस से नसें प्रभावित होती हैं। किडनी की बीमारी की वझा से हमारा ब्लड filtration rate कम हो जाता है जिसकी वझा से हमारे ब्लड मे कई प्रकार के toxins जमा हो जाते है। जिसकी वझा से पैरों में जलन हो सकती है।

मनोवैज्ञानिक (anxiety) कारण: तनाव और चिंता भी पैरों में जलन का कारण बन सकती हैं। जिसको हम मेडिकल की भाषा मे hypertension भी कहते है। तनाव और चिंता से हमारे शरीर मे cortisol नाम का hormone release होता है जिस से high blood pressure और दिल का रोग जैसी कई बीमारिया हो सकती है। जिस से हमारे ब्लड circulation का प्रैशर change होता रेहता है, वह भी एक कारण बन जाता है पैरों में जलन का।

नसों पर दबाव: जैसे कि टार्सल टनल सिंड्रोम। इस बीमारी मे हमारी नसो पर दवाब पड़ता है जिसके कारण हमे हाथ व पैर मे जलन हो सकती है।

पैरों में जलन के लिए घरेलू नुस्खे
1. ठंडे पानी में पैर डुबोना
(Doctor ki सलाह zaroor le)

- एक बाल्टी में सामान्य ठंडा पानी लें (बिलकुल बर्फ नहीं)।
- पैर 10–15 मिनट डुबोकर रखें।
- इससे नसों को ठंडक और राहत मिलती है।
2. विटामिन बी युक्त भोजन
(Doctor ki सलाह zaroor le)

- अनाज, मूंगफली, दूध, अंडा, हरी पत्तेदार सब्जियाँ खाएं।
- ज़रूरत हो तो डॉक्टर की सलाह से विटामिन बी कॉम्प्लेक्स की दवा लें।
3. सरसों का तेल और लहसुन मालिश
(Doctor ki सलाह zaroor le)

- 2 चम्मच सरसों के तेल में 2-3 कली लहसुन गर्म करें।
- हल्का गुनगुना होने पर पैरों की मालिश करें।
- यह रक्तसंचार सुधारता है और सूजन व जलन कम करता है।
4. एलोवेरा जेल का प्रयोग
(Doctor ki सलाह zaroor le)

- शुद्ध एलोवेरा जेल को पैरों पर लगाएं।
- यह ठंडक देने वाला होता है और त्वचा को भी आराम देता है।
5. मेथी दाना का पानी
(Doctor ki सलाह zaroor le)

- रात को 1 चम्मच मेथी दाना भिगो दें।
- सुबह छानकर पानी पी लें। यह ब्लड शुगर कंट्रोल में मदद करता है।
🏥कब डॉक्टर से मिलें?
अगर आपकी समस्या लगातार बनी रहती है, साथ में ये लक्षण हों:
- पैरों में सुन्नपन या झुनझुनी
- चलने में दिक्कत
- रात में जलन ज्यादा हो
- स्किन पर लालिमा या सूजन
तो आपको न्यूरोलॉजिस्ट या फिजिशियन से जांच करानी चाहिए।
⚠️जरूरी चेतावनी (Important Note)
ऊपर दिए गए पैरों में जलन के लिए घरेलू नुस्खे सभी उपाय supportive remedies हैं। कृपया किसी भी उपाय को आज़माने से पहले डॉक्टर या आयुर्वेदिक विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें
FAQs – पैरों में जलन के लिए घरेलू नुस्खे
पैरों में जलन क्यों होती है?
पैरों में जलन का कारण हो सकता है नसों की कमजोरी, डायबिटीज, विटामिन B की कमी, या लंबे समय तक खड़े रहना। कभी-कभी यह फंगल संक्रमण या ब्लड सर्कुलेशन की दिक्कत से भी हो सकता है।
पैरों की जलन कम करने के लिए कौन-कौन से घरेलू नुस्खे मददगार हैं?
ठंडे पानी में नमक डालकर पैर भिगोना, एलोवेरा जेल लगाना, नारियल तेल से मालिश करना और नीम की पत्तियों का लेप उपयोगी घरेलू उपाय हैं।
क्या आयुर्वेद में पैरों की जलन के लिए इलाज है?
हां, आयुर्वेद में त्रिफला, शतावरी, ब्राह्मी और नारियल तेल जैसे जड़ी-बूटियों से बने उपचार पैरों की जलन को दूर करने में कारगर माने जाते हैं।
कब डॉक्टर को दिखाना चाहिए?
अगर जलन लंबे समय से हो रही है, रात को ज्यादा होती है या साथ में सूजन और सुन्नपन हो तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
क्या डायबिटीज से पैरों में जलन होती है?
जी हां, डायबिटिक न्यूरोपैथी एक आम कारण है जिससे पैरों में जलन, झनझनाहट या सुन्नपन हो सकता है। यह ब्लड शुगर को कंट्रोल में न रखने से होता है।